बचपन भी कितना अच्छा था
माँ बापू लाड लुटाते थे
सारे बच्चे खूब खिलाते थे
सब के साथ में खेला करते
इसे ही सबको पेला करते
बचपन कितना प्यारा था
सारा संसार ही न्यारा था
जब बच्चे थे तब चाह थी बड़े होने की
अब बड़े हो गये हैं तो बच्चे बनना चाहते हैं
ऐसा क्या जादू था उस बचपन में
परियां क्यूँ सच्ची लगती थी
सब कुछ मुझको भाता था
हर बात पर रोना आता था
फिर भी वो बचपन प्यारा था
एक संसार ही न्यारा था :)
जब मैं छोटा सा बच्चा था
सारे बच्चे खूब खिलाते थे
सब के साथ में खेला करते
इसे ही सबको पेला करते
बचपन कितना प्यारा था
सारा संसार ही न्यारा था
जब बच्चे थे तब चाह थी बड़े होने की
अब बड़े हो गये हैं तो बच्चे बनना चाहते हैं
ऐसा क्या जादू था उस बचपन में
परियां क्यूँ सच्ची लगती थी
सब कुछ मुझको भाता था
हर बात पर रोना आता था
फिर भी वो बचपन प्यारा था
एक संसार ही न्यारा था :)
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