Wednesday, 29 February 2012

Ek kissa jindagi ka

बचपन में सुनते थे परियो वाली कहानी
उसमे होता था एक राजा और उसकी एक रानी


राजकुमारी के सपनो में होता था एक राजकुमार
जो अंत में जीत ही जाता था हरा कर सारी हार


सच्ची लगती थी सारी कहानियां
सुनते थे जो दादी नानी की जुबानियाँ


लगता था एक दिन कोई आएगा सफ़ेद घोड़े पर होकर सवार
ले जायेगा वो भी हमें करवा कर सोलह श्रृंगार

बड़े हुए तो उन कहानियो का मर्म जाना
नही उनमे कोई सच्चाई ये पहचाना


नहीं होता कोई राजकुमार
नहीं आता वो सफ़ेद घोड़े पर होकर सवार


वो किस्से कहानियों की बातें थीं
हमें बहला कर सुलाने की राहें थीं


नहीं यकीन आता प्यार पर
सब दगियानुसी बातें हैं


अब प्रेक्टिकल जमाना आया है
एस एम् एस पर प्यार दोहराया जाता है

मोबाइल गेनेरातिओं है, आज लगाव, कल इजहार
फिर इकरार, फिर ब्रेक-अप कर अपना पीछा छुड़ाना है

राजा-रानी को खबर नहीं होती
राजकुमारी कब जागती, कब है सोती


भाग दौड़ की दुनिया में
सच से दूर सपनो के करीब हो गए


पैसो के अमीर
दिल से गरीब हो गए


पैसो के अमीर
दिल से गरीब हो गए